चलो इक बार कहानी फिर वही दोहराते हैं हम
मुकम्मल इश्क करने फिर जमी पर आते हैं हम
गली से फिर तुम गुजरो, मैं तुम्हें देखा करूं छिपके
तू झट से मुड़ के देखे,तो वहीं छिप जाऊं मैं डरके
वो सहमा सा तेरा चेहरा सोचकर मुस्कुराते हैं हम
चलो इक बार कहानी फिर वही दोहराते हैं हम
जो रस्ते में मिले हम,तो शर्माएं नज़र तेरी
जो तुमको ना दिखे हम,तो घबराए नज़र तेरी
तेरी बेचैनीयों का इशारा समझ जाते हैं हम
चलो इक बार कहानी फिर वही दोहराते हैं हम
चलो फिर दोस्ती से प्यार में खो जाये हम दोनों
मोहब्बत के जहां में, कहीं गुम जाये हम दोनों
चलो फिर से कहानी इक नयी लिख आते हैं हम
चलो इक बार कहानी फिर वही दोहराते हैं हम
चलो इक बार कहानी फिर वही दोहराते हैं हम
मुक्कमल इश्क करने फिर जमी पर आते हैं हम
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