Shayrane sir ji |
ऐ मां तेरा करम तो,मुझसे भुला न पाया
हर दर्द में ही मुझको,तेरा प्यार याद आया
मेरे सर पे हाथ अपना रखना तू हमेशा
सारी रात रात जगकर,तूने मुझे सुलाया
ऐ मां तेरा करम तो,मुझसे भुला न पाया
मेरे पिता से तूने पहचान मेरा कराया
ये दादी हैं ये दादा तूने मुझसे बताया
ना दादी ना ही दादा ना ही पिता ने सिखाया
मैं मां किसे पुकारूं तेरे प्यार में बताया
ऐ मां तेरा करम तो,मुझसे भुला न पाया
बीती अंधेरी रातें जब लोरी तूने सुनाया
छाती से अपने लगा कर मेरा दर्द तूने मिटाया
हर दर्द हर मुसीबत दुनियां की काली नज़र से
काज़ल बना एक जरिया तेरी ममता ने बचाया
ऐ मां तेरा करम तो,मुझसे भुला न पाया
Sir ji
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