Shayrane sir ji |
मैंने दे दी अर्जी आसमानों में वहां
दिल के रिश्ते जुड़ते हैं सात जन्मों का जहां
इस जनम में हर जनम का साथ मांग लूं वरना
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
तेरे मेरे रिश्ते का कोई मोल नहीं
प्यार है जो दर्मिया उसका तोल नहीं
तेरे क़दमों में रख दूं सारे खुशियों का जहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
वो डाली एक है जिसके फूल हैं हम
दे दूं खुशियां लेके तेरे सारे गम
बिन तेरे अब डाली सूनी लगती है यहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
जिसका रूह हो तुम वो काया में बनू
गमों की धूप न लगे तेरा छाया मैं बनू
मैं फूल बिछा दूं कदम रखे तू जहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
गर कोई ग़म है तो आके मुझसे बता
तेरे राखी का कर्ज मैं करूंगा अदा
अब तो मुश्किल है जीना तेरे बिन जीना यहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
Shayrane sir ji
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