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तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां

Written By Shayrane Sir ji on Sunday, February 10, 2019 | February 10, 2019

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Shayrane sir ji











 










मैंने दे दी अर्जी आसमानों में वहां
दिल के रिश्ते जुड़ते हैं सात जन्मों का जहां
इस जनम में हर जनम का साथ मांग लूं वरना
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां


तेरे मेरे रिश्ते का कोई मोल नहीं
प्यार है जो दर्मिया उसका तोल नहीं
तेरे क़दमों में रख दूं सारे खुशियों का जहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां

वो डाली एक है जिसके फूल हैं हम
दे दूं खुशियां लेके तेरे सारे गम
बिन तेरे  अब डाली सूनी लगती है यहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां

जिसका रूह हो तुम वो काया में बनू
गमों की धूप न लगे तेरा छाया मैं बनू
मैं फूल बिछा दूं कदम रखे तू जहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां

गर कोई ग़म है तो आके मुझसे बता
तेरे राखी का कर्ज मैं करूंगा अदा
अब तो मुश्किल है जीना तेरे बिन जीना यहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां
तेरे जैसी बहना मुझे मिलेगी कहां

Shayrane sir ji

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